Janardan Rai Nagar Rajasthan Vidyapeeth

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उपलब्धियां

संस्थान की उपलब्धियां

सन 2015 में नेक से पधारे प्रो. चंद्रमोली उपाध्याय व अन्य वरिश्ठजनों के सुझाव पर पूजा पद्धति व कर्मकाण्ड के छात्रों के लिए रूद्री पाठ व दुर्गा पाठ का पाठ्यक्रम अंगामिल किया गया। इसे एक विभागीय परियोजना के रूप में शुरू किया गया।

दुर्गा पाठ व रूद्री पाठ का वातावरण व व्यक्ति पर क्या असर होता है, इसका भी वैज्ञानिक प्रयोग किया गया। प्रयोग के दौरान बीपी, नब्ज, वजन, मेंटल स्टेटस आदि की जांच की गई। इस प्रयोग में छात्रों के साथ चिकित्सक, इंजीनियर व अधिकारी भी शामिल हुए। इसके सकारात्मक परिणाम रहे। कुण्डली बैंक के अनूठे विचार पर कार्य शुरू हो चुका है। जो भी व्यक्ति परामर्श के लिए आता है, उसकी कुण्डली भी इस बैंक में रखी जाती है। प्राचीन मंदिरों व प्रासादों के अभिलेखों व उपलब्ध साहित्य को तथ्यपरक बनाने के लिए गणितीय ज्योतिश के माध्यम से उस कालखण्ड, वास्तु, निर्माण पद्धति आदि का अध्ययन किया जाता है। इससे उन प्रासादों का वास्तविक समय भी निर्धारित किया जा सकता है। – परामर्श केन्द्र स्थापित परिसर में किया गया है जिससे आम समाज लाभान्वित हो सके। जो दक्षिणा आयेगी उससे विद्याथियों को व संस्थान को मिलेगी। ऑनलाइन परामर्श की सुविधा रखी गई है, प्रश्न व कुंडली निर्माण के लिए ऑनलाइन शुल्क जमा करके पूछ सकते है।

भविष्य की योजनाएं

-विश्व प्रसिद्ध सौर वेधशाला, फतहसागर झील उदयपुर में स्थित है, इसी पर विचार करते हुए संस्थान आने वाले समय में ज्योतिष और खगोलीय अनुसंधान के लिए जंतर मंतर, जयपुर की तरह वेधशाला स्थापना की योजना बना रहा है।

-ज्योतिष, वास्तु, कर्मकाण्ड, विशयों पर प्राचीन पाण्डुलिपियों के संरक्षण, पुनर्लेखन, डिजिटलाइजेशन की योजना पर कार्य शुरू हो चुका है।

-भारतीय संस्कृति से जुड़े महत्वपूर्ण हिस्सों जैसे मंदिर वास्तु, पुराने जल संसाधन, किले आदि के बारे में समाज को जानकारी उपलब्ध कराना भी संस्थान की योजना में शामिल है।

-ज्योतिष संबंधी यात्राएं अनुबंधित करना।

-देवस्थान विभाग से जुड़कर राजस्थान के मंदिरों के पुजारियों को ट्रैनिग उनके सम्प्रदाय व देब विशेष के अनुसार दी जा सकती हैं।

-अस्पाताल में जन्में बच्चों की जन्मकुंडली बनाकर दी जाये जिसे जिलापरिशद से मान्य हों कम दक्षिणा में सही कुंड़ली जन समाज तक पहुंच सके।

-ऐतिहासिक व पुरातात्विक विषयक में तिथिअंकन में ज्योतिशीय आधार से जांचा परखा जा सकता है।

-मंदिर मेंनेजमेन्ट पर डिप्लोमा शुरू करवाने की योजना हैं।