Janardan Rai Nagar Rajasthan Vidyapeeth
संस्थान को अनुपमेय बनाना
विभिन्न प्रकार की कुंडलियों के कोष्ठक एवं उनके विश्लेषण
वेधशाला का विस्तार
आकाश का निरीक्षण
ज्योतिष संबंधी यात्राएं अनुबंधित करना
ऑनलाइन के माध्यम से जन्मपत्रिका के फलित का विश्लेषण सिखाया जाता है। वास्तु के गृह के नक्क्षों को भी ऑनलाइन के माध्यम से बताया जाता है। साथ ही मंदिर वास्तु के आंतरिक व बाहरी वास्तु विन्यास को भी विडिओग्राफी के माध्यम से जानकारी दी जाती है। विडडओग्रािी केमाध्यम सेजानकारी दी जाती है।
ज्योतिष के प्रायोगिक में 21 मार्च व 23 सितम्बर को विश्व दिवस के रूप में अक्षांश-रेखांश व छायाज्ञान पलभा आदि का प्रायोगिक कार्य हर वर्ष करवाया जाता है। सबसे बडा दिन 21 जून को व 22 दिसम्बर को सबसे छोटा दिन का प्रायोगिक कार्य हर वर्ष करवाया जाता है। आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन वायु चलन तथा मावठ के दिन से वर्षा ज्ञान आदि प्रायोगिक कराए जाते हैं। सस्य यानि कृषि का ज्ञान आषाढी तौल से करवाया जाता हैं। रूदिपाठ, दुर्गापाठ, हवन व नित्यकर्म पूजन का प्रायोगिक कार्य करवाया जाता है। हस्त परिक्षण द्वारा हस्तरेखा ज्ञान करवाया जाता हैं।
प्राचार्य संदेश –
प्रिय छात्रों, अभिभावकों और ज्योतिष प्रेमियों,
नमस्कार!
मुझे यह बताते हुए अत्यंत गर्व और खुशी हो रही है कि आप सभी ने हमारे प्रतिष्ठित ज्योतिष एवं वास्तु संस्थान को चुना है। हमारे संस्थान का ध्येय प्राचीन भारतीय ज्योतिष विद्या को आधुनिक विज्ञान और तकनीकी दृष्टिकोण के साथ जोड़कर अद्वितीय शिक्षण प्रदान करना है।
हमारे संस्थान की विशेषताएँ
1. *उन्नत पाठ्यक्रम और शिक्षण पद्धतियाँ*
हमारे पाठ्यक्रम को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि विद्यार्थी न केवल ज्योतिष शास्त्र के मूलभूत सिद्धांतों को समझ सकें, बल्कि उनकी गहरी व्यावहारिक समझ भी विकसित कर सकें। हम छात्रों को ज्योतिषीय गणनाओं, ग्रहों की चाल, कुंडली विश्लेषण, और पंचांग निर्माण में महारत दिलाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
2. *अनुभवी और विशेषज्ञ शिक्षकों का मार्गदर्शन*
हमारे शिक्षकगण ज्योतिष विद्या में दशकों का अनुभव और विशेषज्ञता रखते हैं। वे न केवल विद्वान हैं, बल्कि उत्साही मार्गदर्शक भी हैं, जो छात्रों के हर संदेह को दूर करने और उन्हें गहन ज्ञान प्रदान करने में सक्षम हैं।
3. *शोध और अनुसंधान के अवसर*
हमारे कॉलेज में अनुसंधान को विशेष महत्व दिया जाता है। छात्रों को विभिन्न ज्योतिषीय विषयों पर शोध कार्य करने के लिए प्रेरित किया जाता है, जिससे वे न केवल अपने ज्ञान को और गहरा कर सकें, बल्कि ज्योतिष विद्या में नयी खोजें भी कर सकें।
4. *व्यावहारिक प्रशिक्षण और कार्यशालाएँ*
हमारे पाठ्यक्रम में व्यावहारिक प्रशिक्षण और कार्यशालाओं का आयोजन नियमित रूप से किया जाता है, जिससे छात्रों को वास्तविक जीवन में ज्योतिष का प्रयोग करने का अनुभव प्राप्त हो सके। यह प्रशिक्षण उन्हें अपने पेशेवर जीवन में सफल ज्योतिषाचार्य बनने के लिए तैयार करता है।
5. *समृद्ध पुस्तकालय और डिजिटल संसाधन*
हमारे पुस्तकालय में ज्योतिष विद्या से संबंधित पुस्तकों, पत्रिकाओं और शोधपत्रों का विशाल संग्रह है। साथ ही, डिजिटल संसाधनों के माध्यम से भी छात्रों को अद्यतन जानकारी और अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई जाती है।
हमारा लक्ष्य
हमारा उद्देश्य है कि हमारे विद्यार्थी न केवल ज्योतिष शास्त्र के गहन ज्ञान को प्राप्त करें, बल्कि उसे अपने जीवन में और समाज के कल्याण के लिए भी उपयोग करें। हम चाहते हैं कि हमारे विद्यार्थी न केवल एक कुशल ज्योतिषाचार्य बनें, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक भी बनें जो समाज में सकारात्मक योगदान दें।
आपका स्वागत है
आप सभी का हमारे ज्योतिष एवं वास्तु संस्थान में स्वागत है। हम आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं और आशा करते हैं कि आपकी ज्योतिष की यात्रा हमारे साथ आनंदमय और सफल होगी। आपके साथ मिलकर हम ज्योतिष विद्या की नई ऊँचाइयों को छूने के लिए तत्पर हैं।
धन्यवाद और शुभकामनाएँ,
[डॉ.अलकनंदा शर्मा]
प्राचार्य, [ज्योतिष एवं वास्तु संस्थान]